
कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में गिरावट जारी है. इस बीच सरकार ने सभी तरह के बचत खातों पर भी ब्याज दरें घटा दी है. लेकिन इन सबके बीच सोना बेहतर रिटर्न दे रहा है. पिछले एक साल में सोने के भाव में करीब 12 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा हुआ है.
दरअसल, मोदी सरकार एक बार फिर आपको गोल्ड में निवेश का मौका दे रही है. सरकार ने अगले 6 महीने में 6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का फैसला किया है. आप अप्रैल से सितंबर के बीच 6 बार गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड में पैसे लगा सकते हैं.
दरअसल, गोल्ड में निवेश फिलहाल फायदेमंद साबित हो रहा है. मोदी सरकार साल 2015 से गोल्ड में निवेश का मौका दे रही है. इस स्कीम में आप कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकते हैं, वहीं एक व्यक्ति के लिए सोना इनवेस्ट करने की अधिकतम सीमा 4 किलो है. इसके निवेशकों को टैक्स पर भी छूट मिलती है. इसके अलावा स्कीम के जरिए बैंक से लोन भी लिया जा सकता है.
पहली सीरीज में इसी महीने 20 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. दूसरी सीरीज में 11 मई से 15 मई के बीच गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगा सकते हैं. उसके बाद 8 जून से 12 जून के बीच आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. चौथी सीरीज 6 जुलाई से 10 जुलाई के बीच जारी की जाएगी. पांचवीं सीरीज के लिए 3 अगस्त से 7 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जाएगा, और छठी सीरीज के लिए 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जाएगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सोना खरीदकर घर में नहीं रखा जाता है बल्कि बॉन्ड में निवेश के तौर पर इस्तेमाल करना होता है. बॉन्ड आधारित सोने की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से तय होती है.
कैसे करें गोल्ड बॉन्ड में निवेश
गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का मकसद सोने की फिजिकल डिमांड को कम करना है. ग्राहकों को लुभाने के लिए गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे रेट से कम होती है.
बॉन्ड खरीदने के फायदे
जैसे-जैसे सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को भी इसका फायदा मिलता है. ये बॉन्ड पेपर और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता.
गोल्ड बॉन्ड पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है. ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे. हालांकि निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है.
सरकार ने गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन तरीके से आवेदन और भुगतान करने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का फैसला किया है. यानी अगर आप डिजिटल मोड में पेमेंट करते हैं तो 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी.
गौरतलब है कि साल 2015 में मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना की शुरुआत की थी. इस योजना की सीरीज के तहत समय-समय पर लोगों को गोल्ड बॉन्ड खरीदने का मौका दिया जाता है. इसकी खासियत यह है कि गोल्ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे रेट से कम होती है.
Source - Aaj Tak